नई दिल्ली में आयोजित International Electric Convention & Green Mobility 2025 (IEC GM 2025) में EKA Mobility ने भारत में सबसे व्यापक व विविध electric vehicle (EV) lineup पेश की है। यह कंपनी एकमात्र OEM है जिसने एक मंच पर तीन अलग-अलग वाणिज्यिक मोबिलिटी खण्डों में – हेंड्वी-ट्रक, बस और 3-व्हीलर – पूर्ण इलेक्ट्रिक मॉडल दिखाए।
उसका थीम था “Sustainability with Profitability” यानी कि ये EV मॉडल न सिर्फ पर्यावरण के लिए अच्छे हों, बल्कि आर्थिक रूप से भी मुनाफे के सबब हों। EKA ने यह स्पष्ट किया कि उसके सारे उत्पाद भारत में डिज़ाइन, इंजीनियरिंग और निर्माण से तैयार होते हैं – जिससे “Atmanirbhar Bharat” और “Make in India” की नीतियों को बल मिलता है।
EKA की लाइन-अप में खास मॉडल इस प्रकार हैं:
- EKA 55T: एक Heavy-Duty इलेक्ट्रिक ट्रक, जिसका पेलोड लगभग 43,000 किलोग्राम है और रेंज करीब 200 किमी तक है।
- EKA 12M: प्रीमियम 12-मीटर इलेक्ट्रिक बस, 250+ किमी की रेंज के साथ और ADAS सुरक्षा फीचर्स के साथ।
- EKA 3W Cargo: ज़ीरो-इमिशन तीन-पहिया मालवाहक वाहन, 200 किमी की रेंज और लगभग 750 किलोग्राम पेलोड क्षमता के साथ।
- EKA 6S: भारत की पहली यात्री तीन-पहिया EV है जिसमें स्टेयरिंग व्हील है और D+6 सीटिंग वेरिएंट।
सिर्फ वाहन ही नहीं, EKA ने एक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म भी पेश किया है – EKA Connect। यह AI-पावरड fleet management प्लेटफ़ॉर्म है जिसमें predictive diagnostics, मॉड्यूलर बैटरी वास्तुकला (battery architecture) और वास्तविक समय (real-time) efficiency tracking शामिल है, जिससे परिचालन लागत (TCO) कम होगी और uptime बढ़ेगा।
यह कदम भारत के कमर्शियल मोबिलिटी सेक्टर के लिए बहुत मायने रखता है, क्योंकि लॉजिस्टिक्स, सार्वजनिक परिवहन और अंतिम-मील डिलीवरी (last-mile delivery) जैसी मांगें तेजी से बढ़ रही हैं। EKA की यह पहल यह दिखाती है कि EVs सिर्फ पैसेंजर कारों तक सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि भारी-भरकम ट्रक्स, बसें और छोटे खुली-मालवाहक वाहनों तक पहुँच बना रही है।
इसके अलावा, EKA का ऑर्डर बुक अच्छा चल रहा है – देश और दक्षिण अफ्रीका में 3,300+ ऑर्डर्स कन्फर्म हो चुके हैं। PM e-Bus Sewa Scheme के तहत 2,000+ इलेक्ट्रिक बसों के ऑर्डर भी मिल चुके हैं। ये संकेत हैं कि ग्राहकों की विश्वास और मांग दोनों ही बढ़ रहे हैं।
हालाँकि चुनौतियाँ भी हैं – बड़े ट्रक और बस मॉडल्स के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, बैटरी अपटाइम, रोड वज़नयोजनाएँ, लागत प्रबंधन आदि मुद्दों पर काम होना होगा। इनमे मार्गों (routes) आने-जाने का नेटवर्क मजबूत होना चाहिए और सरकार से नीति समर्थन जारी रहना चाहिए।
कुल मिलाकर, EKA Mobility की यह प्रस्तुति स्पष्ट संकेत है कि भारत वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के युग में तेजी से प्रवेश कर रहा है। यह न सिर्फ पर्यावरण के लिए अच्छी खबर है बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी फायदेमंद हो सकती है।