Sambhajinagar जल्द बनेगा EV की राजधानी – ₹71,000 करोड़ के निवेश और उद्योगों की भारी बाढ़!

Chhatrapati Sambhajinagar, महाराष्ट्र (पूर्व ऑरंगाबाद) अब सपने नहीं बल्कि सच्ची तस्वीर बन रही है EV मैन्युफैक्चरिंग की राजधानी बनने की-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की है कि यहाँ बड़े पैमाने पर निवेश हो रहा है और उद्योग स्थापित हो रहे हैं जो भारत की EV इकोसिस्टम को पूरी तरह बदल सकते हैं। Aurangabad Industrial City (AURIC), जो Shendra-Bidkin के क्षेत्र में है और DMIC (Delhi-Mumbai Industrial Corridor) तथा Nagpur-Mumbai Samruddhi Highway से अच्छी तरह जुड़ा है, वह केन्द्र बना हुआ है जहाँ EV निर्माता, पार्ट्स सप्लायर्स और component makers बड़ी संख्या में आ रहे हैं।

  • उदाहरण के लिए, Ather Energy ने AURIC में अपने नए इलेक्ट्रिक स्कूटर प्लांट खोलने की योजना बनाई है जिसमें लगभग ₹2,000 करोड़ का निवेश होगा और लाखों यूनिट की उत्पादन क्षमता व बैटरी पैकिंग की सुविधाएँ होंगी।
  • Uno Minda ने भी EV संरचना (casting parts) के लिए ~₹210 करोड़ के निवेश के साथ नए प्लांट की मंज़ूरी दी है ताकि OEMs को समय पर parts की आपूर्ति हो सके।
  • सरकारी आंकड़ों में बताया गया है कि AURIC में निवेश की संभावनाएँ ₹71,000 करोड़ से ज़्यादा हो चुकी हैं, और अनुमान है कि इससे 62,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियाँ बनेंगी।

इस विकास की राह में इंफ़्रास्ट्रक्चर सहायता भी मजबूत है: बिजली और पानी की आपूर्ति, सड़कों-हाईवे की पहुँच, Samruddhi Corridor की कनेक्टिविटी और आगामी Sambhajinagar–Pune Greenfield Expressway जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं। इन सुविधाओं ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है।

लेकिन चुनौतियाँ भी हैं जिन्हें ध्यान देना होगा। भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया, पर्यावरणीय मंज़ूतियाँ, लॉजिस्टिक्स की लागत, कौशल (skilled workforce) को तैयार करना, बिजली-मज़बूती और सप्लाई चेन स्थिरता ये सभी अहम मुद्दे हैं। यदि ये बाधाएँ निपटाई जाएँ, तो Sambhajinagar अपने लक्ष्य की ओर तेज़ी से बढ़ पाएगा।

भारत के लिए यह कदम सिर्फ Sambhajinagar या महाराष्ट्र तक सीमित नहीं होगा-अगर ये मॉडल सफल रहा, तो अन्य राज्य भी अपनी औद्योगिक नीतियाँ (policies) और EV इन्फ्रास्ट्रक्चर को उसी तरह मजबूत करेंगे। इससे EV मार्केट की रेंज-प्रोडक्शन लागत घटेगी, रोजगार बढ़ेगा, और भारत की स्वदेशी निर्माण क्षमता (Make in India) और भी मजबूती से आगे बढ़ेगी।

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