GST 2.0: EVs की कीमत पर कैसे असर, टैक्स कटौती से सीधे बचत

भारत में 22 सितंबर 2025 से लागू हुए GST 2.0 रिफॉर्म ने टैक्स ढांचे को सरल बनाने के साथ-साथ वाहनों की कीमतों पर बड़ा प्रभाव डाला है। खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के लिए ये खबर अच्छी है क्योंकि GST काउन्सिल ने स्पष्ट किया है कि EVs पर अभी भी 5% GST दर ही लागू होगी, कोई अतिरिक्त सेस नहीं लगेगा।

पहले चर्चा थी कि बड़े या लक्सरी EVs पर टैक्स दर बढ़ाई जा सकती है, लेकिन काउन्सिल ने यह निर्णय लिया कि चाहे कोई EV सस्ते या महंगे सेगमेंट का हो, सभी को 5% की दर पर ही टैक्स देना होगा। इससे EV बाजार को नीति-आधारित स्थिरता मिली है और ग्राहकों के लिए आत्म-विश्वास बढ़ा है।

हालाँकि, EVs की कीमतों में ‘बहुत बड़ा गिरावट’ शायद तुरंत नहीं होगा क्योंकि EVs के निर्माण, बैटरी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और अन्य लागतें अभी भी प्रीमियम बनी हुई हैं। टैक्स में राहत होने से लागत का एक भाग कम होगा, लेकिन वह पूरा मुनाफा ग्राहक को तभी मिलेगा जब निर्माता और डीलर ये बचत पूरी तरह पास करें।

दूसरी ओर, इन रिफॉर्म से ICE (Internal Combustion Engine) वाहनों की कीमतों में तेज़ी से कमी होगी क्योंकि उन पर GST + सेस की पुरानी दरें थीं जो अब कम हो गई हैं। उदाहरण के लिए, छोटे पेट्रोल-कार, छोटे डिज़ल-कार, छोटी मोटरसाइकिलें आदि पर टैक्स दर पहले ~28% + सेस होती थी, जो अब ~18% की दर पर आ गई है। इससे इन वाहनों की ex-showroom कीमतों में लाखों रुपये की बचत हो रही है।

EVs को 5% की दर बरकरार रखने से दो बड़े फायदे होंगे: एक, उनका वर्तमान टैक्स लाभ नहीं खत्म होगा; दूसरा, आने वाले समय में EVs और ICE वाहनों के बीच जो कीमत का अंतर है वह ICE वाहनों की टैक्स दर कटौती से घटेगा – लेकिन अभी भी EVs के संचालन-लागत (charging, बैटरी मेंटेनेंस आदि) और सब्सिडी आदि फैक्टर्स को जोड़ कर देखें तो EVs के कुल खर्च का आकर्षण बना रहेगा।

EV इंडस्ट्री ने इस निर्णय को सकारात्मक लिया है क्योंकि इससे आक्रामक दरों में अचानक बदलाव की अनिश्चितता कम हुई है, जिससे निवेश और उत्पादन योजनाएँ सुरक्षित बनी हुई हैं। स्टार्ट-अप्स और EV दो-पहिया / तीन-पहिया निर्माता विशेष रूप से इसके समर्थक हैं क्योंकि न्यूनतम टैक्स दर बनी रहने से वे अपनी कीमत को ग्राहकों के लिए टिकाऊ रख सकेंगे।

कुल मिलाकर, GST रिफॉर्म ने EVs की कीमतों में प्रत्यक्ष बड़ी गिरावट तो नहीं की लेकिन अब उनका टैक्स लाभ सुनिश्चित हो गया है, और ICE वाहनों की कीमतों में कमी से बाजार में EV की तुलना बेहतर बनेगी। ग्राहकों को यह सलाह है कि वे ऑटोमेकरों और डीलरों से पूछें कि उनके चुने वाहन पर टैक्स कटौती की बचत कितनी पास की गई है, और ऑन-रोड कीमत में क्या बदलाव होगा। बाज़ार के विशेषज्ञों का अनुमान है कि दिसंबर-फ़ेस्टिव सीज़न तक EVs पर सब मिलाकर अच्छी-खासी रियायत मिल सकती है।

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