BluSmart Mobility, जो कभी भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कैब सर्विस माना जाता था, अचानक अप्रैल 2025 में ऑपरेशन बंद कर दी गई। इसके बाद अब उस पर सबसे बड़ा असर पड़ा है जब लेनदारों ने लगभग 1,500 से 2,000 इलेक्ट्रिक कारों को बेचने का फैसला लिया है जो BluSmart के लिए ली गई थीं। ये गाड़ियाँ Tata, Citroën, MG, BYD जैसे OEMs से ली गई थीं, और अब secondary market में बिक रही हैं। नई सेल की वजह से OEMs की भारी inventory और EV सेल के मार्केट डायनेमिक्स में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है।
BluSmart की fleet size तकरीबन 8,500 EVs तक पहुंच चुकी थी और उसने Delhi NCR तथा Bengaluru में EV चार्जर्स सहित EV नेटवर्क भी स्थापित किया था। लेकिन SEBI द्वारा संस्थापक Anmol Jaggi के खिलाफ आरोप और बैंक ऋणों में गड़बड़ी की वजह से कंपनी पर insolvency proceedings चालू हुई। यह भी सामने आया कि 9,000 से अधिक EV order अभी deliver नहीं हुई थीं, जिससे Tata Motors और Citroën को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा। Tata के लिए यह खास चिंता का विषय बनी क्योंकि उन्होंने BluSmart को सबसे ज्यादा गाड़ियाँ सप्लाई की थीं।
BluSmart की प्रमुख योजनाओं में था \$300 मिलियन तक कैपिटल रेज करना ताकि fleet size को 13,000 से बढ़ाकर 25,000 तक पहुंचाया जा सके। लेकिन अप्रैल में ऑपरेशन बंद होने से यह योजना अधर में लटकी रह गई। इस स्थिति से OEMs को बुरी तरह झटका लगा, क्योंकि लाखों रूपए की EV inventory बेजोड़ रह गई थी – अब कई EVs second-hand और fleet resale market में बेची जा रही हैं।
इस entire process का impact सिर्फ OEMs और investors पर ही नहीं बल्कि BluSmart के करीब 10,000 ड्राइवर पार्टनर्स पर भी पड़ा। बहुत से ड्राइवरों ने अचानक रोज़गार खो दिया, तकलीफ बढ़ी क्योंकि उन्हें advance payment, नौकरी और benefits अचानक छिन गए। कई संगठनों और journalists ने इसे कर्मचारियों और ज़िलाकर्मियों की चिंता बढ़ाने वाली घटना बताया।
BluSmart ने अपनी “Assure by BluSmart” योजना के तहत EV leasing शेयर पार्टनर्स को अगस्त तक reimbursements का वादा किया था, लेकिन सिस्टम की गिरावट और insolvency proceedings के कारण वह भी अव्यवस्थित साबित हुई। इस बीच, lenders ने EVs को अफोर्डेबल मूल्य पर बेचने की रणनीति अपनाई है जिससे second-hand EV बाजार में भारी वोट बदल रही है।
Analysts के मुताबिक, BluSmart collapse भारतीय EV ecosystem के लिए ख़तरा नहीं बल्कि एक चेतावनी संकेत है: fleet-based EV adoption को sustainable बनाने के लिए governance, funding और operational controls मजबूत होना बहुत ज़रूरी है। EV transition की दिशा में यह setback अस्थायी है, लेकिन OEMs को इन अप्रत्याशित खतरे से सबक लेने की ज़रूरत है।
IndiaEVNews ने बताया कि shutdown के कारण 9,000+ undelivered vehicles ब्लॉक हो गईं और अब उनमें से कई पब्लिक सर्च, auction platform पर एंट्री करना शुरू कर रही हैं।
BluSmart की rapid rise from 7,500 EV fleet in early 2024 to 8,500+ by early 2025 और फिर sudden collapse ने EV story को human और financial dimension दिया है। investors, fleet operators और दूसरे players अब इस केस को deeply analyze कर रहे हैं।
अंततः यह देखना होगा कि BluSmart की EV sale से दूसरे operators (जैसे Evera Cabs) कैसे फायदा लेते हैं और India में EV resale economy कैसे आकार लेती है। इसका असर अगले दो से तीन सालों में Indian EV landscape पर नज़र आएगा।