SAIC ने MG JSW JV में हिस्सेदारी कम की – India में बड़ा Ownership बदलाव!

China की SAIC Motor अब अपनी 49% हिस्सेदारी JSW MG Motor India JV में कम करने की योजना बना रही है, और इसके साथ-साथ भारत में और कोई बड़ा निवेश नहीं करने की नीति अपना रही है। इस बदलाव की बड़ी वजह है भारत द्वारा चीन से आने वाले निवेशों पर लगे सख्त नियम और राजनीतिक तनाव।

SAIC ने 2019 में MG ब्रांड के तहत भारत में बड़े पैमाने पर निवेश करने की योजना बनाई थी। उन्होंने गुजरात में former General Motors की फैक्टरी ली थी, और कई EV प्रपोज़ल्स दिए थे, लेकिन भारत की नियामकीय संस्थाओं द्वारा कुछ प्रस्तावों को मंजूरी नहीं मिली।

JSW Group अब इस JV में अधिक प्रभावशाली भूमिका निभाना चाहता है। बातचीत जारी है कि JSW SAIC की हिस्सेदारी खरीदकर MG JV में सबसे बड़ा शेयरहोल्डर बने। पर अभी मूल्यांकन (valuation) पर दोनों पक्षों की राय अलग-अलग है, जो सौदे में देरी का कारण बन रही है।

भारत के ऑटो और EV सेक्टर के लिए इस कदम का मतलब है कि मालिकाना नियंत्रण (ownership control), लोकलाइजेशन (local manufacturing), और निर्णय प्रक्रिया (decision making) अब ज्यादा भारतीय हाथों में होगी। यह JSW को अधिकाधिक भारतीय सार्वजनिक और संस्थागत भागीदारों के मदद से नियंत्रित कंपनी बनाने की दिशा में एक कदम है।

फिर भी चुनौतियाँ हैं: SAIC द्वारा तकनीकी और उत्पाद सहयोग जारी रहेगा, लेकिन वित्तीय समर्थन और निवेश की कमी JV की विकास गति को प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा, MG ब्रांड की EV रणनीतियाँ और नए मॉडल लॉन्च के प्लान SAIC के निवेश पर निर्भर कर रहे हैं, जिनमें देरी हो सकती है। Another factor होगा कि JSW को लागत, तकनीक हस्तांतरण और प्रतिस्पर्धा के बीच संतुलन बनाना होगा।

कुल मिलाकर, SAIC का यह कदम भारत-में विदेशी स्वामित्व और JV मॉडल में बदलाव का संकेत है-जहां राजनीतिक, आर्थिक और निवेश से जुड़े पहलुओं ने कंपनियों को पुनः सोचने पर मजबूर किया है। यह तभी सफल होगा जब JSW न केवल हिस्सेदारी बढ़ाए, बल्कि टेक्नोलॉजी, डिजाइन और उत्पादन सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में ठोस योजनाएँ पेश करे।

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