Chhatrapati Sambhajinagar अब भारत की EV मैन्युफैक्चरिंग का एक प्रमुख केंद्र बनती जा रही है क्योंकि राज्य सरकार और उद्योग दोनों ने इस क्षेत्र में बड़े-बड़े निवेश की घोषणा की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में बताया कि Aurangabad Industrial City (AURIC), जो कि DMIC के अंतर्गत Shendra-Bidkin में स्थित है, ने पिछले कुछ वर्षों में लगभग ₹71,000 करोड़ के संभावित निवेश आकर्षित किए हैं और इस निवेश के चलते करीब 62,000 प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होने की उम्मीद है।
यह विकास मुख्य रूप से उन बड़े प्रोजेक्ट्स के कारण हो रहा है जो प्रमुख कॉरिडॉर कनेक्टिविटी द्वारा समर्थित हैं—जैसे Nagpur-Mumbai Samruddhi Highway और Delhi-Mumbai Industrial Corridor (DMIC)। इन परियोजनाओं से लॉजिस्टिक लागत घटेगी, परिवहन जल्दी होगा और कंपनियों के लिए उत्पादन लागत में सुधार संभव होगा।
छूट-छूट निवेशों की एक मिसाल Uno Minda ने पेश की है जिसने Sambhajinagar में अपने Casting Division के लिए करीब ₹210 करोड़ का नया निर्माण सुविधा स्थापित करने का निर्णय लिया है ताकि EV वाहन निर्माताओं के लिए पार्ट्स की मांग को पूरा किया जा सके; यह परियोजना अगले पाँच वर्षों में 3,629 मीट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता बढ़ाएगी।
इस तरह की पहल से रोजगार के अवसरों में इजाफा होगा, स्थानीय इकाइयों की संख्या बढ़ेगी, ऑटोमोबाइल और EV component supply chain मजबूत होगी। Sambhajinagar के आस-पास की ज़मीन अधिग्रहण, औद्योगिक पार्कों का विस्तार (industrial parks expansion), इलेक्ट्रिक वाहन इकाइयों की स्थापना, राज्य-सरकार की प्रोत्साहन नीतियाँ (subsidies, सुविधाएँ) आदि कदम उठाए जा रहे हैं।
हालाँकि चुनौतियाँ भी हैं। बिजली-बल और पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करना होगा, पर्यावरणीय अनुमति और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना होगा, जनशक्ति (skilled workforce) तैयार करनी होगी, और सप्लाई चैन (logistics, component availability) को मज़बूत करना होगा। यदि ये बाधाएँ ठीक से निपटाई जाएँ, तो Sambhajinagar की EV hub की स्थिति और भी मजबूत हो सकती है।
कुल मिलाकर, Sambhajinagar का विकास EV मैन्युफैक्चरिंग का केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा है और यह न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है जहाँ EV निर्माण, निवेश और रोजगार तीनों एक साथ बढ़ेंगे।
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